Thursday, July 5, 2012

Rajendra नगर की डगर




UPSC की तैयारी  
मानो दुख से रिश्तेदारी 
घरबार छोड़ो नौकरी छोड़ो 
मौज मस्ती से मूह मोडो 
  
घरवाले बोले कर ले शादी 
है ये time की बर्बादी 
पैसे का नही कोई जोड़   
घर बैठ के ना रोटी तोड़ 

बहू आएगी सेवा करेगी 
बच्चों से आँगन महका देगी 
मै बोला बाई मैं रखवा दूँगा 
उसी से बच्चे भी कर दूँगा 

निकल पड़ा मैं दिल्ली को 
अंजानी एक मंज़िल को 
पहुँचा फिर मैं vajiram 
खूब चलती थी वो दुकान 

वासुदेव   Ravindran ने दिया उपदेश 
कर्म किये जा फीस दिए जा 
मत कर फल का बिलकुल wait

क्लास में   ethics  खूब पढ़ाते 
हर साल जबरदस्त fees बढ़ाते

Popular का जूस centre
Viral का था wholesaler
बगल में था sood store
डांटे जैसे हम book चोर.

घर ढूंढते जब हारा थककर
मिला मुझे दिखने  में joker
A.Raja से जिसके तेवर
बोला Hey Dude ! I am broker

बोला मैं हूं Mr. Chaddha
लगा करेगा जेब में गढ्ढा
बोला मत लो बिलकुल tension
बस दे दो one month commission

मैंने कहा गजब करते हो
छोटे बच्चो को ठगते हो
बोला भाई समाजसेवा है
Economy को stimulate किया हैं
  
Vajiram का हर कर्मचारी
था अव्वल का दुराचारी
बात बात पर डांट लगाते
CEO सा atti  दिखलाते  

Class  मे देखी सुंदर पारियाँ 
दिल पर चल गयी सौ सौ छुरियाँ 
हो गया मैं  झटपट लट्टू
बन गया उनका personal टट्टू
  
बात समझ मैं आई तब
अंडे बरसे paper में जब
सोचा अब क्या poulty farm बनाऊ
घर वालो को क्या मुह दिखलाऊ

बैठ के सोचा पढता हूँ
Xerox notes  को mugta हूँ
अगला attempt दूँगा मैं
IAS जरूर बनूँगा मैं .

No comments:

Post a Comment