कलियुग की गीता के रचयिता श्रीलाल शुक्ल ने कहा है कि हिन्दुस्तानी आदमी मूलतः कवि होता है। वह किसी समस्या को देख कर पहले उस पर कविता करता है, फिर उसके समाधान के बारे में सोचता है।
हो न हो, ये बात उन्होनें U.P. वालों के लिए ही कही होगी।
हो न हो, ये बात उन्होनें U.P. वालों के लिए ही कही होगी।
इसी बात पे अर्ज़ है,
पश्चिम में उगा हरियाली का सूरज
पूरब की बाढ़ में अस्त है
अवध दंगों मे busy है
सूखा बुंदेलखंड पस्त है
पूरब की बाढ़ में अस्त है
अवध दंगों मे busy है
सूखा बुंदेलखंड पस्त है
इस state का कविता के सिवा कोई culture नहीं है...कम से कम कोई एक कल्चर तो नहीं। पड़ोसी states से culture चुरा-चुरा के उसमें आलस का बीज बो देते हैं। जैसे मेरठ के लोग आलसी हरियाणवी हैं, नोएडा के आलसी दिल्लीवाले, इलाहाबाद के आलसी बिहारी, झांसी के आलसी भोपाली वगैरह वगैरह। हाँ, अवध वाले original आलसी हैं।
इन सब जगहों का अगर है कोई common culture, तो वो हैः चाय और बकर।
Higgs-Boson से लेकर सुसरी माया का मायाजाल
और अमरीका की गलतियों से लेकर भैयाजी के तालाब में दबे कंकाल
और अमरीका की गलतियों से लेकर भैयाजी के तालाब में दबे कंकाल
अपनी समस्याओं को भूलकर दुनिया की हर समस्या पर अपनी राय देना यहाँ pastime भी है और timepass भी। यहाँ लोग General Studies पढ़ते नहीं, जीते है। बेरोज़गार और सरकारी अफसर इस खेल के सबसे मंझे हुए खिलाड़ी हैं।
(6 लोग चाय की दुकान पर बैठे हैं)
1: "अबे एक बात बताओ, ये भगवान लोग करते क्या थे?"
2: "क्या मतलब?"
1: "अबे मतलब भगवानबाजी के अलावा क्या करते थे? जैसे ब्रह्मा जी क्या पूरे दिन कमल पर टिकाए रहते थे?"
3: "भैया इस्लाम में ऐसा कोई चक्कर नहीं। अल्लाह एक,रसूल एक, याद करने को कहानी भी एक।"
1: "अबे हमें कौन कहानी याद करा सकता है? बचपन से माँ-बाप रामायण तो करवा ना पाये।"
2:"लेकिन तुम तो कारसेवक थे बे??"
1: "अबे जैसे-तैसे गुंबद पे चढ़ तो गए थे लेकिन आज तक ये समझ नहीं आया कि चढ़े काहे?"
4: "अबे तिवारी तुम कुछ बोलते काहे नहीं हो?"
5: "का बोलें बे?"
6: "बंद करो ये झांय-झांय
रघुकुल रीति सदा चली आई
दंगों में प्राण जायें
पर राम मंदिर का वचन ना जाई
दंगों में प्राण जायें
पर राम मंदिर का वचन ना जाई
हम समझाते हैं बे रामायण तुम्हें,
लंका के राजा रहे एक रावण भाईजान
शिव को चूना लगा ले लिहीस अमरत्व का वरदान
शिव को चूना लगा ले लिहीस अमरत्व का वरदान
अमरत्व का वरदान पड़ा देवों को भारी
इंद्र की तो गीली हो गईं लंगोटें सारी
इंद्र की तो गीली हो गईं लंगोटें सारी
आर्डर कर दिया ससुरा कि सब शीश झुकेंगे
कौनो रंगबाजी करे तो उसकी कह के लेंगे"
कौनो रंगबाजी करे तो उसकी कह के लेंगे"
2: "इसी बीच अयोध्या में चले रहा अलग ही ड्रामा
बाप की करतूतों के चलते वन पहुंचे श्रीरामा
बाप की करतूतों के चलते वन पहुंचे श्रीरामा
खिला रहे थे सिया-राम वनवास के बीच ही गुल
लखन को मगर बकैती करने की थी तगड़ी चुल
लखन को मगर बकैती करने की थी तगड़ी चुल
थी तगड़ी चुल कि जम जावे अपनी धाक
बेफालतू काट दीन सूपर्नखा की नाक"
बेफालतू काट दीन सूपर्नखा की नाक"
6: "रावन को जब मिली खबर हो गए फौरन चुर्रैट
आनन-फानन में यूं ही सीता को लिए लपेट"
आनन-फानन में यूं ही सीता को लिए लपेट"
2: "लिए लपेट और समझे खुद को बड़ा धुरंधर
इतने में श्रीराम पा गए एक धांसू बंदर..."
इतने में श्रीराम पा गए एक धांसू बंदर..."
1(चिढ़ते हुए): "बंद करो बे फिर चालू कर दिए पोथी बांचना।"
4: "अबे तिवारी तुम कुछ बोलते काहे नहीं हो?"
5: "काहे बोलें बे?"
3: "वैसे भी अब जमाना God का नहीं God Particle का है। इसी बात पे अर्ज़ है...तवज्जो चाहूंगा"
सभी: "हाँ हाँ दिया दिया"
3: "अजब सी है ये दास्तान-ए-ज़िन्दगी
Particle खुदा है, और इन्सान कुछ भी नहीं?"
Particle खुदा है, और इन्सान कुछ भी नहीं?"
सभी: "वाह वाह बहुत अच्छे!"
1: "वाह वाह उतार जूता मार टमाटर सड़ा अंडा!"
6: "अबे रहने दो, माना Higgs-Boson का अंदाज़ बाकियों से जुदा है
पर ससुरा जब तक पकड़ ना आए तभी तक खुदा है"
पर ससुरा जब तक पकड़ ना आए तभी तक खुदा है"
1: "ये सब छोड़ो, असली खबर ये है कि चुनाव आने वाला है।"
3: "चुनाव पे अर्ज़ है...तवज्जो चाहूंगा"
सभी: "फिर से?? अभी तो दिए थे"
6: "अच्छा सुनाओ"
3: "चुनाव तो वोटों का बाज़ार-सा है
और बेवड़ों के लिए त्योहार-सा है"
और बेवड़ों के लिए त्योहार-सा है"
सभी: "वाह वाह!"
4: "भैया दारू बेकार है, जाति बरकरार है
जाति माया है
जाति ने ही CM बनाया है
ये social engineering है
Politics की bearing है
जाति ने ही CM बनाया है
ये social engineering है
Politics की bearing है
जाति में समाजवाद भी है
और U.P. इसी में बर्बाद भी है
और U.P. इसी में बर्बाद भी है
1: "जाति में कल्याण है"
3: "जाति में उमा है"
6: "जाति कठोर है"
2: "जाति मुलायम भी है"
4: "इसीलिए तो सबके दिलों में कायम भी है!"
सभी: "अंग्रेज़ी है कि आती नहीं, और जाति है कि जाती नहीं"
2 (अखबार पढ़ते हुए): "लो और सुनो, सरकार अब मुफ्त अनाज देगी"
3: "इसी पर अर्ज़ है..."
सभी: "अबे फिर से?? ये आखिरी बार दे रहे हैं"
3: "तो सुनो,
चौके में आतंक पंसारी का
और चौकी में अंसारी का"
चौके में आतंक पंसारी का
और चौकी में अंसारी का"
सभी: "भई वाह क्या बात है"
4: "अबे तिवारी तुम कुछ बोलते काहे नहीं हो?"
5: "काहे बोलें बे?"
6: "अंसारी...अच्छा मतलब मऊ से हो?"
3: "बिलकुल, और तुम कहां से हो गुरू?"
6: "हम तो वहीं से हैं जहां तीन देवता वास करते हैं: हनुमान, High Court और आलस"
2: "मतलब इलाहाबादी हो?"
6: "सही पहचाने,
वकीलों से घिरे पड़े
जहां जज भरे गिरे-पड़े
दो ठो petition हमसे भी धोखे में ही लगवा दी हैं
क्योंकि हम इलाहाबादी हैं
जहां जज भरे गिरे-पड़े
दो ठो petition हमसे भी धोखे में ही लगवा दी हैं
क्योंकि हम इलाहाबादी हैं
गंगा का पानी पीते हैं
जमुना में लेकिन जीते हैं
हनुमान को भी हमनें लत आराम की पड़वा दी है
क्योंकि हम...
जमुना में लेकिन जीते हैं
हनुमान को भी हमनें लत आराम की पड़वा दी है
क्योंकि हम...
पुरबिया बयार भारी है
फितरत से तो बिहारी हैं
तबियत से अलबत्ता हम लखनऊ-कानपुर इत्यादि हैं
क्योंकि हम..."
फितरत से तो बिहारी हैं
तबियत से अलबत्ता हम लखनऊ-कानपुर इत्यादि हैं
क्योंकि हम..."
5 (तिवारी): "हटाओ बे इलाहाबाद, असली रस तो बस बनारस में है!"
सभी: "सही कहा गुरू!"
और इतने विचार-विमर्श के बाद सारी समस्याओं का निकला ये समाधान: खाओ भांग, चबाओ पान
(खईके पान बनारस वाला)
( 1.30 min dance )