Monday, December 3, 2012

Sleeping During Exams


नींद तू इतना भाती क्यूँ हैं
जब भी कुछ जरूरी हो करना
तो मुझे सुलाती क्यूँ है

कौन भला तुझसे है सुन्दर
पृथ्वीराज ने किया था blunder
तुझसे ही वोह प्रेम जो करता
तो  संयुक्ता  पे न मरता
सुख से बूढा वोह हो जाता
आराम से अपनी pension पाता

जीवन को मैं जान गया हूँ
सर्वोपरि तुझे मान गया हूँ
स्वर्ग  की तू सैर कराये
अगर कोई न मुझे उठाये

Free में तू दुनिया घुमाती क्यूँ है
नींद तू इतना भाती क्यूँ हैं
जब भी कुछ जरूरी हो करना
तो मुझे सुलाती क्यूँ है

Lbsnaa Exams

कैसी ये आफत आन पड़ी है , 
मुश्किल में ये जान पड़ी है | 

IPC में पिस चूका हूँ 
हर एक कलम घिस चूका हूँ |

घडी ये मेरी दौड रही है 
उम्म्मीदों को रौंद रही हैं |

फाड़ने की साजिश ये बड़ी हैं 
मुश्किल में ये जान पड़ी हैं !

Saturday, November 17, 2012

village visit to Haryana




अगले जनम मोहे भैंस ही कीजे
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भैसों का साम्राज्य हरयाणा ,
दूध दही मक्खन का खाना,
औरत सहे मर्द का गुस्सा, सहे घरों मनमानी,
भैसें चबावें गुड़, पीवें ठंडा पानी .

बच्चों को सुई लगावें मच्छर,
भैसों को दवाई देते डॉक्टर,
भैसें fit, बच्चों में Malaria,
कोई न पूछे  ये क्या हो रिया .

मुर्रा को घणी आज़ादी,
कर लेवे हर breed में शादी,
छोरी डायन गर मान गँवाए,
खाप देवता मलहम लगाए .

डेरियों में स्वछता अभियान,
खुली नालियों में गिरते इंसान,
कन्डो के महल, टूटे हुए घर,
gobar gas plant का है ये असर.

बछिया घर की लक्ष्मी होवे,
नोटों से आँगन महका देवे,
पर जो घर की  औरत लड़की जाए
उस से ultrasound बचाए

पुकार सुन मारी ए मुरली मनोहर
नहीं झिले है भैसों के तेवर
गर मोहे हरयाणा में बीजे
अगले जनम मोहे भैंस ही कीजे

Amit Arora

Thursday, November 1, 2012

Economics Exam :)

Economics का जंजाल 
हर OT है नोचे बाल 

समझ न आवे ये Demand
लगती जैसे Police Remand

Supply का Curve बवेला
सुबह से अटका है ये झमेला

Subsidy की गजब कबड्डी
फटे है कपडे टूटी हड्डी

Uncommon से Common Resource
नीद से मानो हुआ Divorce

Surplus की ये टेडी डगर
इक बेवडे की random बकर

फंदा Taxation का है गले में
घुसा hua डंडा Equilibrium में

- Amit Arora

Wednesday, October 31, 2012


कलियुग की गीता के रचयिता श्रीलाल शुक्ल ने कहा है कि हिन्दुस्तानी आदमी मूलतः कवि होता है। वह किसी समस्या को देख कर पहले उस पर कविता करता है, फिर उसके समाधान के बारे में सोचता है।
हो न हो, ये बात उन्होनें U.P. वालों के लिए ही कही होगी।

इसी बात पे अर्ज़ है,
पश्चिम में उगा हरियाली का सूरज
पूरब की बाढ़ में अस्त है
अवध दंगों मे busy है
सूखा बुंदेलखंड पस्त है

इस state का कविता के सिवा कोई culture नहीं है...कम से कम कोई एक कल्चर तो नहीं। पड़ोसी states से culture चुरा-चुरा के उसमें आलस का बीज बो देते हैं। जैसे मेरठ के लोग आलसी हरियाणवी हैं, नोएडा के आलसी दिल्लीवाले, इलाहाबाद के आलसी बिहारी, झांसी के आलसी भोपाली वगैरह वगैरह। हाँ, अवध वाले original आलसी हैं।

इन सब जगहों का अगर है कोई common culture, तो वो हैः चाय और बकर।

Higgs-Boson से लेकर सुसरी माया का मायाजाल
और अमरीका की गलतियों से लेकर भैयाजी के तालाब में दबे कंकाल

अपनी समस्याओं को भूलकर दुनिया की हर समस्या पर अपनी राय देना यहाँ pastime भी है और timepass भी। यहाँ लोग General Studies पढ़ते नहीं, जीते है। बेरोज़गार और सरकारी अफसर इस खेल के सबसे मंझे हुए खिलाड़ी हैं।

(6 लोग चाय की दुकान पर बैठे हैं)

1: "अबे एक बात बताओ, ये भगवान लोग करते क्या थे?"
2: "क्या मतलब?"

1: "अबे मतलब भगवानबाजी के अलावा क्या करते थे? जैसे ब्रह्मा जी क्या पूरे दिन कमल पर टिकाए रहते थे?"
3: "भैया इस्लाम में ऐसा कोई चक्कर नहीं। अल्लाह एक,रसूल एक, याद करने को कहानी भी एक।"

1: "अबे हमें कौन कहानी याद करा सकता है? बचपन से माँ-बाप रामायण तो करवा ना पाये।"
2:"लेकिन तुम तो कारसेवक थे बे??"

1: "अबे जैसे-तैसे गुंबद पे चढ़ तो गए थे लेकिन आज तक ये समझ नहीं आया कि चढ़े काहे?"

4: "अबे तिवारी तुम कुछ बोलते काहे नहीं हो?"
5: "का बोलें बे?"

6: "बंद करो ये झांय-झांय
रघुकुल रीति सदा चली आई
दंगों में प्राण जायें
पर राम मंदिर का वचन ना जाई

हम समझाते हैं बे रामायण तुम्हें,

लंका के राजा रहे एक रावण भाईजान
शिव को चूना लगा ले लिहीस अमरत्व का वरदान

अमरत्व का वरदान पड़ा देवों को भारी
इंद्र की तो गीली हो गईं लंगोटें सारी

आर्डर कर दिया ससुरा कि सब शीश झुकेंगे
कौनो रंगबाजी करे तो उसकी कह के लेंगे"

2: "इसी बीच अयोध्या में चले रहा अलग ही ड्रामा
बाप की करतूतों के चलते वन पहुंचे श्रीरामा

खिला रहे थे सिया-राम वनवास के बीच ही गुल
लखन को मगर बकैती करने की थी तगड़ी चुल

थी तगड़ी चुल कि जम जावे अपनी धाक
बेफालतू काट दीन सूपर्नखा की नाक"

6: "रावन को जब मिली खबर हो गए फौरन चुर्रैट
आनन-फानन में यूं ही सीता को लिए लपेट"

2: "लिए लपेट और समझे खुद को बड़ा धुरंधर
इतने में श्रीराम पा गए एक धांसू बंदर..."

1(चिढ़ते हुए): "बंद करो बे फिर चालू कर दिए पोथी बांचना।"

4: "अबे तिवारी तुम कुछ बोलते काहे नहीं हो?"
5: "काहे बोलें बे?"

3: "वैसे भी अब जमाना God का नहीं God Particle का है। इसी बात पे अर्ज़ है...तवज्जो चाहूंगा"
सभी: "हाँ हाँ दिया दिया"

3: "अजब सी है ये दास्तान-ए-ज़िन्दगी
Particle खुदा है, और इन्सान कुछ भी नहीं?"

सभी: "वाह वाह बहुत अच्छे!"

1: "वाह वाह उतार जूता मार टमाटर सड़ा अंडा!"

6: "अबे रहने दो, माना Higgs-Boson का अंदाज़ बाकियों से जुदा है
पर ससुरा जब तक पकड़ ना आए तभी तक खुदा है"

1: "ये सब छोड़ो, असली खबर ये है कि चुनाव आने वाला है।"

3: "चुनाव पे अर्ज़ है...तवज्जो चाहूंगा"
सभी: "फिर से?? अभी तो दिए थे"

6: "अच्छा सुनाओ"

3: "चुनाव तो वोटों का बाज़ार-सा है
और बेवड़ों के लिए  त्योहार-सा है"

सभी: "वाह वाह!"

4: "भैया दारू बेकार है, जाति बरकरार है
जाति माया है
जाति ने ही CM बनाया है
ये social engineering है
Politics की bearing है

जाति में समाजवाद भी है
और U.P. इसी में बर्बाद भी है

1: "जाति में कल्याण है"

3: "जाति में उमा है"

6: "जाति कठोर है"

2: "जाति मुलायम भी है"

4: "इसीलिए तो सबके दिलों में कायम भी है!"

सभी: "अंग्रेज़ी है कि आती नहीं, और जाति है कि जाती नहीं"

2 (अखबार पढ़ते हुए): "लो और सुनो, सरकार अब मुफ्त अनाज देगी"

3: "इसी पर अर्ज़ है..."

सभी: "अबे फिर से?? ये आखिरी बार दे रहे हैं"

3: "तो सुनो,
चौके में आतंक पंसारी का
और चौकी में अंसारी का"

सभी: "भई वाह क्या बात है"

4: "अबे तिवारी तुम कुछ बोलते काहे नहीं हो?"
5: "काहे बोलें बे?"

6: "अंसारी...अच्छा मतलब मऊ से हो?"
3: "बिलकुल, और तुम कहां से हो गुरू?"

6: "हम तो वहीं से हैं जहां तीन देवता वास करते हैं: हनुमान, High Court और आलस"

2: "मतलब इलाहाबादी हो?"

6: "सही पहचाने,
वकीलों से घिरे पड़े
जहां जज भरे गिरे-पड़े
दो ठो petition हमसे भी धोखे में ही लगवा दी हैं
क्योंकि हम इलाहाबादी हैं

गंगा का पानी पीते हैं
जमुना में लेकिन जीते हैं
हनुमान को भी हमनें लत आराम की पड़वा दी है
क्योंकि हम...

पुरबिया बयार भारी है
फितरत से तो बिहारी हैं
तबियत से अलबत्ता हम लखनऊ-कानपुर इत्यादि हैं
क्योंकि हम..."

5 (तिवारी): "हटाओ बे इलाहाबाद, असली रस तो बस बनारस में है!"
सभी: "सही कहा गुरू!"
और इतने विचार-विमर्श के बाद सारी समस्याओं का निकला ये समाधान: खाओ भांग, चबाओ पान
(खईके पान बनारस वाला)
( 1.30 min dance ) 

Saturday, October 27, 2012

Uttar Pradesh: India Day

उत्तर प्रदेश
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ये जो 5-star सा है
ये UP के तिहाड़ सा है

वो जो उजड़ा झाड़ सा है
जनता के संसार सा है

जेलों में हर कोई आजाद सा है
भैय्याजी के आशीर्वाद सा है

चुनावो में वोटों के बाजार सा है
बेव्डों के लिए त्यौहार सा है

बिन कपडे गरीब ठगा सा है
पुतलों से संसार सजा सा है

चौके में आतंक पंसारी का है
चौकी में सहारा अंसारी का है

दरोगा कुछ शैतान सा है
विधायक कुछ अनजान सा है

राम से दिल सुनसान सा है
राम मंदिर लेकिन भगवान सा है

जमीनों में DP का बवाल सा है
मिटटी का रंग हो चूका कुछ लाल सा है

खौफ सपनो में कछछे बनियान वालो का है
प्यार अपनों मैं बस खलियानो का है

Wednesday, October 10, 2012

PT


भोर में भैय्या करोगे PT
रावत जी जब मारे सीटी
सर भी हम खुजाने ना देंगे
बोले ही थे कह के लेंगे

Polo ground के लिए उतरो पहाड़
Anna जी की सुनो दहाड़
make fast” बोल के तेज करेंगे
Fitness के नाम पर कह के लेंगे

पाँव गरम, पेट नरम, सर करेंगे ठंडा
दौड़ा दौड़ा कर फेरेंगे डंडा
घुटनों को हम preeess करेंगे
हर OT की कह के लेंगे

दबा कर नहीं चबा कर खिलाएंगे
Aerobics में हम नाच नचाएंगे
Don’t Talk each other” करवा के रहेंगे
हर Trek को soft कह के लेंगे


बीमार होने का नहीं है हक
चाहे देह बोले “What the Duck”
घुटनों की कटोरियाँ घिस देंगे
हर Ligament की कह के लेंगे

अगर होगी किस्मत फूटी
रास्ते में लगेगी बिच्छु बूटी
पालक घिसेंगे पर रुकने न देंगे
बीमारी में भी कह के लेंगे

Breaking health को Make करेंगे
Sutta अगर ना छोड़ा तो
उसपे  हल्दी हम छिड़केगे
Health को confuse कर  के लेंगे