Sunday, September 16, 2012

You


नदिया के किनारों की तरह
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नदिया के  किनारों की तरह
दूर चमकते सितारों की तरह
तुम हर पल मुझे लुभाती हो

इच्छाओं के नियंत्रण में
आकांशाओ के बंधन में
बंधने की अवसर्गता का ज्ञात मुझे कराती हो

ईर्ष्या के परितोष का
प्रेम के आक्रोश का
अनिष्ट की प्रवीणता से परिचित तुम कराती हो

नदी के किनारों के न मिलने का
सितारों  के अगम्य होने का
एक एहसास दे के जाती हो